ख़बर से ख़बर दब जाती !
- Brij Mohan Vatsal
- Jan 1, 2016
- 1 min read
ख़बर आती, ख़बर जाती

ख़बर से ख़बर दब जाती |
कुछ चिल्लाते, कुछ बतियाते
कुछ कहकर भी ना कह पाते
कुछ दिखाते, कुछ जताते
कुछ बुलाते, कुछ सुनाते
कुछ उड़ाते, कुछ खिस्याते
कुछ ख़बर ही अलग बताते
दिखावे की चादर फट जाती
ख़बर से ख़बर दब जाती ||
कुछ रोते, कुछ बिलखते
कुछ जलते, कुछ सुलगते
कुछ काटते, कुछ कटते
कुछ उतरते, कुछ फटते
कुछ पीते, कुछ गटकते
कुछ निगलते, कुछ सटकते
आखों से शर्म मर जाती
ख़बर से ख़बर दब जाती ||






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